NGO क्या है | NGO Kya Hai

NGO एक ऐसी संस्था है जो किसी भी सरकार द्वारा नहीं चलाई जाती और ना ही यह किसी कंपनी के विज्ञापन के लिए चलाई जाती है बल्कि NGO का मुख्य कार्य है गरीबों और असहाय लोगों की समस्याओं का समाधान करना।

NGO एक ऐसा संगठन है जिसमें सरकार की कोई भूमिका नहीं है यह एक गैर सरकारी संगठन है।

जो व्यक्ति समाज सेवा करना चाहता है और गरीब, असहाय लोगों की मदद करना चाहता है वह NGO खोल सकता है और उसे स्थापित कर सकता है।

यदि आप चाहें तो व्यक्तिगत तौर पर NGO खोल सकते हैं या फिर आप कई अन्य लोगों के साथ संयुक्त रूप से भी NGO खोल सकते हैं।

NGO काफी बड़े पैमाने पर काम करता है और लोगों की मदद करता है। भारत में कई ऐसी हस्तियां हैं जो NGO द्वारा लोगों की मदद करते हैं जिसमें अभिनेता सलमान खान भी शामिल हैं यह Being Human नाम का संगठन चलाते हैं और गरीब लोगों की मदद करते हैं।


 
इस NGO के तहत सलमान खान अपनी कमाई का कुछ हिस्सा गरीब और असहाय लोगों में बांटते हैं जिससे उन गरीब लोगों की कुछ आवश्यक जरूरतें पूरी हो सकें और उनके बच्चों को भी शिक्षा प्राप्त हो सके।

NGO का मुख्य उद्देश्य समाज कल्याण होता है भारत में काफी संगठन है जो समाज के कल्याण में अपना सहयोग दे रहे हैं भारत में लगभग 33 लाख Registered NGOs हैं।

हालांकि NGO की शुरुआत सबसे पहले अमेरिका में की गई थी लेकिन अब भारत में भी इसका काफी अच्छा Result देखने को मिला है अमेरिका में करीब 15 लाख NGO संस्थाएं कार्य करती हैं और वही दुनिया की सबसे अधिक जनसंख्या वाले देश China में लगभग 4 लाख 40 हजार NGO संस्थाएं कार्य कर रही हैं।

NGO का पूरा नाम क्या है | NGO Full Form in Hindi
NGO का पूरा नाम NON GOVERNMENTAL ORGANISATION है हिंदी में इसे गैर सरकारी संगठन कहते हैं।

NGO को गैर लाभ संगठन के रूप में भी जाना जाता है क्योंकि NGO ना तो किसी के स्वामित्व में है और ना ही इसे कोई अपने लाभ के लिए या अपने आय के रूप में ले सकता है।

ngo full form in hindi
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NGO का मकसद लाभ प्राप्त करना या उससे आमदनी एकत्र करना नहीं है बल्कि इसे जरूरतमंद लोगों की मदद करने के लिए चलाया जाता है।

NGO कैसे काम करता है | NGO Kaise Kaam Karta Hai
जैसा कि हमने आपको ऊपर बताया है NGO चलाने का उद्देश्य गरीब एवं असहाय लोगों की उचित सहायता करना एवं अनाथ बच्चों को शिक्षा प्रदान कराना, महिलाओं की सुरक्षा तथा समाज कल्याण है।

कोई भी समूह जो NGO चलाता है वह किसी भी तरीके से समाज सेवा कर सकता है आपने कई बार सुना होगा कि Acid survivors को NGO में रखा जाता है और साथ ही उन्हें वहां रोजगार भी प्रदान किया जाता है।


 
कुछ NGO ऐसे होते हैं जो अलग-अलग जगह जाकर जरूरतमंद लोगों की मदद करते हैं और कुछ NGO बूढ़े लोगों की सहायता करते हैं।

भारत में सभी NGO, Central Societies Act के तहत काम करते हैं हालांकि राजस्थान में यह अलग है राजस्थान में NGO, Rajasthan Societies Act के अंतर्गत काम करते हैं।

NGO सभी मंत्रालय, विभाग, सरकारी संगठन, एजेंसियों एवं अधिकारियों के लिए विशेष प्रकार से नियम बनाए रखता है। जिस कार्य के लिए NGO गठित हुए थे और वह चल रहे हैं यह कानूनी तरीके से आम हित को पूरा करने के लिए लोगों की भागीदारी के साथ किया जाता है।

NGO एक धार्मिक संगठन के रूप में कार्य करता है जिसमें दवाइयां, भोजन तथा सभी आवश्यक वस्तुओं का वितरण जरूरतमंद लोगों में किया जाता है।

NGO संगठन के रूप में कभी भी व्यापार के उद्देश्य से काम नहीं करता है। हालांकि NGO को सेवाओं और वस्तुओं की बिक्री से जो लाभ होता है उसका उपयोग उससे संबंधित अन्य उद्देश्यों के लिए किया जाता है।

चूंकि NGO गैर-लाभकारी संगठन है यह बिना किसी लाभ के काम करता है इसलिए इसे Non Profit Organisation (NPO) के रूप में भी जाना जाता है।

NGO कैसे बनाएं या NGO कैसे स्थापित करें | NGO Kaise Banaye
किसी भी NGO में कार्य करने से पहले यह देखना काफी महत्वपूर्ण है कि वहां लोगों की मूल समस्याएं क्या हैं अगर आप इन्हें समझ जाते हैं तो आपको NGO के उद्देश्य को समझना और इसे शुरू करना बेहद सरल हो जाता है।

NGO शुरू करने के लिए सबसे पहले आप ऐसे लोगों का एक समूह तैयार करें जो आपकी तरह ही समाज में परिवर्तन लाना चाहते हैं।

समाज में लोगों को कई समस्याएं हैं और उन लोगों की समस्याओं को कोई नहीं सुनता है। आपको NGO की शुरुआत करने से पहले अपने आसपास के लोगों की समस्याओं को समझना होगा और उसके हिसाब से आप NGO की शुरुआत करेंगे तो यह काफी अच्छा होगा।


 
NGO की शुरुआत करने के लिए सबसे पहले आप अपने NGO को Register कराएं, लेकिन इस बात की पुष्टि करें की जिन लोगों का आपने समूह (Group) तैयार किया है या जो भी लोग आपके साथ NGO में शामिल हैं क्या वह वाकई समाज सेवा करना चाहते हैं और वह इस कार्य के लिए पूरी तरह सक्षम और जिम्मेदार हैं

अगर यह सभी गुण आपको आपके Group के सदस्यों में मिलते हैं तो आप उन्हें अपने हिसाब से Specific Designation दे सकते हैं जैसे अध्यक्ष, सचिव, सलाहकार सदस्य आदि।

NGO Register कराने के लिए लगने वाले दस्तावेज
किसी भी प्रकार के संगठन को Register कराने के लिए हमें कुछ आवश्यक दस्तावेजों की आवश्यकता होती है, इसी प्रकार NGO को Register कराने के लिए कुछ आवश्यक दस्तावेजों का होना जरूरी है।

Rules And Regulation/Memorandum
Affidavit From President
Trust Deed/Memorandum Of Association
Residence Proof
Articles Of Association Regulation
ID Proof (Voter ID/Aadhar Card)
Passport
Registered Office Address Proof
Separate Bank Account
सबसे नीचे मैंने Separate Bank Account इसलिए लिखा है क्योंकि आपको NGO के लिए एक अलग से Bank Account खुलवाने की आवश्यकता होगी है जिससे आपको जो भी Donation मिलेगी वह इसी Bank Account में आएगी।

NGO Register कैसे करें | How to Register NGO
भारत में NGO की शुरुवात करने के लिए तीन Act बनाए गए हैं आप इन तीनो Act में से किसी एक में अपना NGO Register करा सकते है चलिए पहले इन Act के बारे में जान लेते हैं-

Trust Act:
Trust Act के तहत अपना NGO Register करने के लिए आपको Charity Commissioner या Registrar के Office में NGO Register करने के लिए Apply करना होगा

भारत के अलग-अलग राज्यों में Trust Act के नियम भी अलग-अलग हो सकते हैं Trust Act के अंतर्गत Register करने के लिए आपके पास Deed Document होना चाहिए

Society Act:
Society Act के तहत NGO के लिए 7 सदस्य होने चाहिए और आपके पास Memorandum of Association and Regulation Documents भी होने चाहिए।

Society Act में NGO को एक Society के रूप में Register किया जाता है। और कुछ राज्य जैसे महाराष्ट्र में इसे Trastee के तौर पर Register किया जा सकता है।


 
Companies Act:
Companies Act के तहत आपको कम से कम तीन सदस्यों की आवश्यकता होगी Companies Act के अंतर्गत Register कराने के लिए आपको किसी Stamp Paper की आवश्यकता नहीं होती है।

इसमें आपको Memorandum and Articles of Association and Regulation Document की आवश्यकता पड़ेगी।

NGO कितने प्रकार के होते हैं | Types Of NGO
सामान्यतः NGO तीन प्रकार के होते हैं-

Trust Registration
Society Registration
Section 8 Company Registration
यह तीनों NGO कुछ ज्यादा अलग नहीं है इनको चलाने का उद्देश्य केवल एक ही है मानव सेवा।

इनमें फर्क केवल इतना है कि इनको चलाने के नियम और तरीके कुछ अलग होते हैं। लेकिन इनका मकसद केवल एक ही होता है समाज कल्याण और मानव सेवा।

1. Trust Registration:
Trust के लिए Registration, Society Registration अधिनियम, 1882 के माध्यम से किया जा सकता है। ये Public Charitable Trust हैं और आमतौर पर इसे तब बनाते हैं जब जमीन या संपत्ति शामिल होती है।  दरअसल, आमतौर पर Trust का उपयोग गरीबी, शिक्षा, चिकित्सा सहायता आदि के लिए किया जाता है।

Trust Registration के लाभ | Benefits of Trust Registration
Trust को सरकार से जमीन मिलती है
Trust अधिनियम के तहत Registered, Trust सरकार द्वारा पंजीकृत नाम का उपयोग करता है
Tax से लाभ
80G Certificate का लाभ
Service Tax or Income Tax पर लाभ
2. Society Registration:
एक और तरीका जिसमें आप NGO को पंजीकृत कर सकते हैं जो समाज के रूप में है। एक समाज बनाने के लिए व्यक्ति, वैज्ञानिक उद्देश्य, धर्मार्थ उद्देश्य और विभिन्न अन्य उद्देश्यों को बढ़ावा देने के लिए एक साथ आता है, जैसा कि Society Registration अधिनियम 1860 की धारा 30 में उल्लिखित है।

Society Registration के तहत लाभ | Benefits under Society Registration
एक पंजीकृत समाज को एक अलग कानूनी पहचान मिलती है। इस समाज का प्रत्येक सदस्य अपने कार्यों के लिए जिम्मेदार है न कि अन्य सदस्यों के लिए
Limited liability – चूंकि Society NGO की एक अलग कानूनी पहचान है, इसलिए सदस्यों का दायित्व केवल उनके हिस्से तक ही सीमित है।
 Income tax पर लाभ।
कानूनी सुरक्षा, कोई भी आपके नाम का उपयोग नहीं कर सकता है, और यदि ऐसा कुछ होता है तो वह दण्ड हकदार होगा
3. Section 8 Company Registration:
NGO Register करने का तीसरा तरीका भारतीय कंपनी अधिनियम (Indian Companies Act), 2013 की धारा 8 के द्वारा है। इन कंपनियों को धर्म, व्यापार आदि की रक्षा के लिए स्थापित किया जाता है, लेकिन इस कंपनी की कमाई का उपयोग शेयरधारकों द्वारा नहीं किया जाता है,

बल्कि यह कंपनी द्वारा प्रचार कार्य के लिए उपयोग में लाया जाता है। आप कंपनी को एक सार्वजनिक लिमिटेड कंपनी (Public Limited Company) और एक निजी लिमिटेड कंपनी (Private Limited Company) के रूप में पंजीकृत कर सकते हैं।

Section 8 Company Registration के लाभ | Benefits of Section 8 Company Registration
Section 8 Company के अनुसार गैर सरकारी संगठन स्थापित करने के लिए न्यूनतम पूंजी की आवश्यकता नहीं होती है।
Trust के जैसे ही इसमें भी एक अलग कानूनी इकाई की विशेष मान्यता भी मिलती है।
NGO ने जो लाभ उठाया है, उनमें से एक लाभ टैक्स का लाभ है। हितधारकों के अलावा, NGO के योगदानकर्ताओं को NGO को किए गए दान के लिए TAX में छूट भी मिल सकती है।
गैर-सरकारी संगठनों को स्टांप शुल्क से छूट दी गई है जो अन्यथा पंजीकरण प्रक्रिया के लिए लागू है।
बेहतर विश्वसनीयता। (जब किसी अन्य NGO संरचना के साथ तुलना की जाती है, तो Section 8 Company अधिक विश्वसनीय होती है। केंद्र सरकार धारा 8 कंपनी को नियंत्रित नहीं करती है, और इसलिए MOA और AOA पवित्र रहते हैं। इस प्रकार Society NGO या Trust की तुलना में इसकी कानूनी संरचना अधिक भरोसेमंद है)
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NGO के लिए Fund कैसे प्राप्त करें
NGO के लिए Fund एकत्रित करने के लिए आज के समय में जो सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण कदम है वह है एक Website. अगर आपकी एक Website है तो लोगों का आप पर विश्वास काफी ज्यादा बढ़ जाता है

आप अपनी एक Website बना सकते हैं जहां पर आप NGO से जुड़े सभी जानकारियां साझा करें। और अपनी Website पर एक Donation Account बनाएं जिससे लोग आपको सीधे Donate कर सकें।

अगर आपने अपना NGO Register कराया है तो आपको सरकार से भी फंडिंग मिल सकती है उसके लिए कुछ Terms हैं जिन्हें आपको Follow करने होंगे।

आप बड़ी-बड़ी प्राइवेट कंपनियों से संपर्क कर सकते हैं। तथा उन्हें Mail करके आर्थिक सहायता के लिए कह सकते हैं।

आप Fund एकत्र करने के लिए कुछ सामाजिक कार्यक्रम का आयोजन भी करवा सकते हैं जिसमें आप लोगों को अपने द्वारा किए जा रहे कार्यों के बारे में बता सकते हैं जिससे लोग आपकी आर्थिक सहायता के लिए उत्साहित हो सकें।

अंतिम शब्द:
इस Post में आपने NGO Full Form in Hindi, NGO Kya Hai, NGO कितने प्रकार के होते हैं, लोकप्रिय NGO और NGO से Fund कैसे प्राप्त करें, इसके बारे में जाना! मुझे उम्मीद है हमारे इस Post में आपको आपके सभी सवालों के जवाब मिल गए होंगे!